सौभाग्य है कि सरस्वती विद्या मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, सामोली रोहडू, शिक्षा के क्षेत्र में 30 वर्ष पूरा कर चुका है। 1983 से विद्यालय के विकास में प्रारम्भ से लेकर आज तक कई आचार्य प्रधानाचार्य एवं प्रबंध समिति के सदस्यों ने तन मन धन से विद्यालय को स्थापित कर इसको आगे बढ़ाने का कार्य किया है। सौभाग्य से वर्तमान में अपने सहयोगी आचार्य को साथ लेकर शिक्षा एवं संस्कारों, स्वास्थ्य व स्वावलम्बन का ध्येय लेकर बालकों के निर्माण एवं विद्यालय का संजान-संवारन का कार्य प्रधानाचार्य के रूप में अपना दायित्व निभा रहा हूँ। मां सरस्वती की असीम अनुकम्पा, प्रबंध समिति, आचार्य/दीदीयों, अभिभावकों व विद्यार्थियों के सहयोग से यह विद्या मंदिर निरंतर उन्नति के पथ पर बढ़ते हुए ख्याति प्राप्त कर रहा है। शिक्षा का अर्थ विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास करना है इस हेतु विद्यालय में पांच आधारभूत विषयों - नैतिक एवं आध्यात्मिक शिक्षा, संगीत, योग, शारीरिक, संस्कृत आदि पर बल दिया जाता है। आधुनिकता की दौड़ में यहां संस्कारयुक्त शिक्षा का वातावरण है। विषयों को अधिक रूचिपूर्ण बनाने के लिए यहां पर स्मार्ट क्लास भी आरंभ कर दी गई है, जिसके माध्यम से विद्यार्थियों को विषय सीखने में सरलता होती है।